
Chairman : -
Dear Parents
आदिकाल से मानव के जीवन में लगातार विकास होता गया है इस विकास का मुख्य कारण शिक्षा की पद्धति में क्रमानुसार सुधार होते जाना रहा है। विकसित देशों में शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन लाया गया है जबकि भारत में शिक्षा पद्ध ितमे लम्बे समय से सुधार की माॅंग की जा रही थी। वर्तमान समय में नई शिक्षा नीति के माध्यम से इस विषय में सुधार लाया जाना अपेक्षित है। 21वीं सदी में मानव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकि के क्षेत्र में ऐसी क्रान्ति लाएगा जो कल्पना से परे होगी एवं मानव का दायरा पृथ्वी पर सीमित न होकर पूरे भूमंडल पर होगी। इसी क्रम में भारत सरकार द्वारा विभिन्न कदम उठाए जा रहे है। जिससे संपूर्ण जनता जिसमें अधिकांश लोग छोटे शहर एवं गांव में निवास करते है। भारत की प्रगति के साथ कदम से कदम मिला कर चल सकें। आपने भी यह महसूस किया होगा कि मैट्रो, बड़े शहरों एवं तहसील तालुका की शिक्षा के स्तर में जमीन आसमान का अन्तर है इसका मूल कारण शिक्षा का व्यवसायीकरण है हम अपने नवीन संस्थान श्री साॅंई शिखर इंटरनेशनल स्कूल को आपके सामने इसी अन्तर को दूर करने हेतु प्रस्तुत कर रहे हैं । हमारी पूरी कोशिश है कि हम निवाड़ी जिले से भी बहुआयामी एवं बहु कौशल बच्चों को देश के सामने प्रस्तुत कर सकें।
हमारा निश्चय है कि हम अपने विद्यार्थियों को उत्कृष्ठ शिक्षा केन्द्र प्रदान करें जो उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम एवं स्वाबलम्बी भारतीय नागरिक के रूप में सुरक्षित सूचित करें । यह संस्थान उत्तम शैक्षिक आधारभूत संरचना एवं सर्वश्रेष्ठ संकाय के द्वारा छात्रों के अनुशासन एवं चरित्र निर्माण में सहयोग प्रदान करें । अध्यापक एवं छात्र-छात्रायें शताब्दी के महायज्ञ में कदम से कदम मिलाकर बढ़ें और अपने देश को विकसित देश के रूप मे देखें।